क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ हिंदी शब्दों में ऊपर छोटा-सा चंद्रबिंदु (ँ) क्यों लगाया जाता है?
यही चिह्न अनुनासिक शब्द बनाते हैं। हिंदी व्याकरण में यह छोटा-सा चिन्ह शब्द के उच्चारण और अर्थ दोनों बदल सकता है।
परीक्षा देने वाले छात्र अक्सर पूछते हैं—
अनुनासिक शब्द क्या होते हैं? इन्हें कैसे पहचानें? और किन शब्दों में लगाने की जरूरत होती है?
इसी आर्टिकल में हम अनुनासिक शब्द, अनुनासिक ध्वनि, अनुनासिक चिन्ह और इनके उदाहरण को बेहद आसान भाषा में समझेंगे।
🧠 अनुनासिक शब्द की परिभाषा (Definition of Anunasik Shabd)
जिस शब्द के उच्चारण में नाक से निकलने वाली ध्वनि शामिल होती है, उसे अनुनासिक शब्द कहते हैं।
इनमें ऊपर चंद्रबिंदु (ँ) का प्रयोग किया जाता है।
👉 जैसे — माँ, चाँद, कँटीला, साँप, झँपकी, हँसी आदि।
इन शब्दों का उच्चारण नाक और मुंह दोनों से होता है, इसलिए इन्हें अनुनासिक कहा जाता है।
🎯 अनुनासिक ध्वनि क्या है?
जब किसी वर्ण का उच्चारण करते समय नाक से हवा निकलती है, तब उस ध्वनि को अनुनासिक ध्वनि कहते हैं।
उदाहरण – “न”, “ङ”, “ञ”, “ण”, “म” ध्वनियाँ नासिक्य ध्वनि (Nasal Sound) कहलाती हैं।
अनुनासिक चिन्ह (ँ) क्या है?
अनुनासिक चिन्ह वह चिह्न है जो शब्द के ऊपर लगाया जाता है:
ँ → चंद्रबिंदु (Anunasik Chinh)
यह बताता है कि शब्द का उच्चारण नासिक्य होगा।
उदाहरण:
चाँद → Chand
माँ → Maa
साँप → Saap
अनुनासिक अक्षर कौन-कौन से हैं?
अनुनासिक (नासिक्य) अक्षर हिंदी में पाँच माने जाते हैं:
- ङ (nga)
- ञ (nya)
- ण (na)
- न (na)
- म (ma)
इन सभी का उच्चारण नाक से होता है।
अनुनासिक के प्रकार (Types of Anunasik)
हिंदी व्याकरण में अनुनासिक दो प्रकार के होते हैं —
1. चंद्रबिंदु (ँ) के साथ अनुनासिक शब्द
जैसे— माँ, चाँद, कँटीला, साँस, हँसी।
2. अनुस्वार (ँ/ं) वाले शब्द — नासिक्य ध्वनि
जैसे— हिंदी, कमलांजलि, संबंध, संयोग, अंधेरा।
दोनों में अंतर है लेकिन परीक्षा में दोनों को अनुनासिक की श्रेणी में शामिल किया जाता है।
।
📝 अनुनासिक शब्द कैसे पहचानें? (Easy Trick)
✔ जिन शब्दों में ँ लगा हो।
✔ जिनका उच्चारण नाक से हो।
✔ जिनमें “आ”, “ई”, “ऊ” जैसी स्वरों पर नासिक्यता हो।
✔ जिन शब्दों में “म”, “न”, “ण”, “ङ”, “ञ” आएं।
📚 100+ अनुनासिक शब्दों की सूची
1. चंद्रबिंदु (ँ) वाले शब्द
- माँ
- चाँद
- हँसना
- कँपकँपी
- साँप
- चूँ-चूँ
- झँपकी
- पाँव
- काँटा
- भँवरा
- कँपना
- लँगड़ा
2. अनुस्वार (ं) वाले अनुनासिक शब्द
- संबंध
- दंश
- मंगल
- संगम
- संकल्प
- संयोग
- हिंदी
- संध्या
- अंधेरा
- कमलांजलि
अनुनासिक शब्दों के वाक्य उदाहरण
- माँ ने आज बहुत स्वादिष्ट भोजन बनाया।
- आसमान में चाँद बहुत सुंदर लग रहा है।
- साँप बिल से बाहर निकला।
- वह लगातार हँस रहा था।
नया कंटेंट टेम्पलेट
नीचे हम अनुनासिक शब्द सीखने का एक आसान टेम्पलेट दे रहे हैं जिसे विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक तेजी से समझ सकते हैं।
📌 Anunasik Learning Template
A. परिभाषा
अनुनासिक शब्द — जिनका उच्चारण नाक से निकलने वाली ध्वनि से हो।
B. प्रयुक्त प्रतीक
ँ (चंद्रबिंदु)ं (अनुस्वार)
C. प्रकार
- चंद्रबिंदु वाले शब्द
- अनुस्वार वाले शब्द
D. पहचानने की ट्रिक
“ऊपर लगे चंद्रबिंदु को देखो, या नाक से आवाज़ आने वाला उच्चारण करो।”
E. सामान्य उदाहरण
माँ, चाँद, पाँव, हँसी, हिंदी, संयोग
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❓ FAQs: अनुनासिक शब्द से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1. अनुनासिक शब्द क्या होते हैं?
वे शब्द जिनका उच्चारण नाक से होता है और जिनमें चंद्रबिंदु (ँ) या नासिक्य ध्वनि शामिल होती है।
Q2. अनुनासिक चिन्ह कौन-सा है?
अनुनासिक चिन्ह ँ (चंद्रबिंदु) होता है।
Q3. अनुनासिक और अनुस्वार में क्या अंतर है?
- अनुनासिक — स्वर के ऊपर लगाया जाता है (ँ)
- अनुस्वार — व्यंजन के ऊपर लगाया जाता है (ं)
Q4. अनुनासिक अक्षर कौन-से हैं?
ङ, ञ, ण, न, म — इनका उच्चारण नाक से होता है।
Q5. अनुनासिक शब्दों का प्रयोग कहाँ होता है?
हिंदी भाषा, बोलचाल, काव्य, नाटक, और व्याकरण में नासिक्य ध्वनि दर्शाने के लिए।
अनुनासिक शब्द हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये शब्द उच्चारण को प्राकृतिक और सुंदर बनाते हैं। इस आर्टिकल में आपने अनुनासिक शब्द, अनुनासिक ध्वनि, अनुनासिक चिन्ह, और 100+ उदाहरण आसानी से समझ लिए।
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